मिट्टी सोना उगलेगी

Janta Raja    17-Oct-2022
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आदिलशाही फ़ौज ने पुणे परिसर को रौंद डाला था | लेकिन जब से जिजाऊसाहब और राजे पुणे में आए थे, तब से पुणे के भाग्य ने करवट ली थी | जिजाऊसाहब के सुघड़ हाथ उसे सँवारने लगे थे | इस छोटी सी जागीर का कारोबार शिवाजीराजे के नाम से शुरू हुआ | उजड़े हुए परिसर को फिर से बसाने के लिए उन्होंने लोगों का हौसला बढाया | खेती की पैदावार बढ़ाने के लिए जरुरतमंदों को हल, बैल, मोट, रस्से, बीज आदि सभी तरह की सहायता की | जहाँ बादशाह ने गधे का हल चलाया था वहीँ पर शिवाजीराजे ने सोने के फाल वाले हल से चार गज जमीन जोती | शिवाजीराजे ने भक्तिभाव से धरतीमाता की पूजा की |
 
खेतीहर किसानों का हौंसला बढ़ाने का यह एक बेमिसाल तरीका था| सबके मन में यह विश्वास समा गया कि राजे के राज्य में सब को रोजी – रोटी मिलेगी | मिट्टी सोना उगलेगी |
 
संदर्भिका : महाराज – लेखक बाबासाहेब पुरंदरे, अनुवादक (मूल मराठी से) – सौ. सुनिता कट्टी